Latest सैड शायरी - ये कलम भी बेवफा
लत है के छूटती नहीं, तुम्हें मिलने की फुर्सत मिलती नहीं।
ये कलम भी बेवफा, तुम्हारे सिवाय कुछ और लिखती नहीं।
It is an addiction that does not go away, you do not get the time to meet.
This pen is also unfaithful, does not write anything except you.
कभी फुर्सत मिले तो सोचना जरूर।
तेरी बेरुखी ने दिल तोड़ा या गुरुर।
If you have time, then definitely think about it.
Your indifference broke your heart or pride.
हम जब भी सिसक सिसक के रोते हैं, तन्हा अकेले में रोते हैं।
के मेरी बर्बादी का तमाशा देखने, मुझे रुलाने वाले भी आते हैं।
Whenever we cry with a sob, we cry alone.
To see the spectacle of my ruin, those who make me cry also come.
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