Tera Shahar Chhod Jayege Shayari - तेरा शहर छोड़ जाएंगे शायरी 

तेरे छोड़ने से पहले, तमन्ना-ए-शहर तेरा छोड़ जाएंगे। एक बार पंख पसरे के, फिर ये परिंदे लौटके ना आएंगे।

बेवफाओं का शहर है तेरा, अब हो रहे हैं शहर-ए-रुख्सत। सही जाये ना जिल्ल्त-ए-इश्क़, अब ले चले अधूरी हसरत।

कैसे बसर होगा यहाँ, कदर-ए-इश्क़ ना तेरे शहर में। छोड़ जाऊ तेरा शहर, मेरा दिल ना हो किसी कहर में।

तेरे बेवफा होने के बाद, क्या रखा है तेरे शहर में। तेरा शहर छोड़ जाऊ, बस धोखा है तेरे शहर में।

प्यारी हैं आँखें फिर आंसू ना बहाना, जब मैं तेरा शहर छोड़ जाऊ। निभाऊ इश्क़-ए-मोहब्बत, तेरे अपनों के लिए ना लौट के आऊ।

तू मुस्कुराए तेरी मुस्कान के लिए शहर तेरा छोड़ जाएंगे। हसरत-ए-दिल गले लगा लो, के फिर दीदार ना हो पाएंगे।

क्या रखा है अब तेरी गलियों में, बिन तेरे बंजर लगता है ये शहर। छोड़ चले तेरा शहर, के बहती थी मोहब्बत सुख गई अब वो नहर।

तेरे कहने पर शहर तेरा छोड़ दिया, मगर यादें ना छोड़ पाए। संग तेरी यादों के रहा सफर, चाहके भी हम अकेले ना आए।