New Selfish Love | तेरा बेवफा होना जग जानता है
तेरा बेवफा होना जग जानता है, मगर तुझ बिन जीना मुमकिन नहीं।
तू है तो धुप में भी रंगत, बिन तेरे जाने क्यों कोई शाम रंगीन नहीं।
प्यार तेरा खुदगर्ज था, फिर मैं तेरी बेवफाई से वास्ता क्यों रखू।
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रुस्वाई से झलकेंगे आंसू, मगर इन आँखों से रास्ता क्यों रखू।
आँखों को आंसू दिल को दर्द दिया है इश्क़ ने, अब ना फिर इश्क़ कर पाएंगे।
मुस्कुराते चेहरों के पीछे थी खुदगर्जी, अब ना मुझे इनमे हमदर्द नजर आएंगे।
कहने को तो मासूम हैं मगर ये दिल के जज्बातों से खेलते हैं।
फिर ना एतबार करू, बिन छुरी के अरमानो का गला रेतते हैं।
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