Munir Niazi poetry in Hindi: अच्छा लगता है

अच्छा लगता है जब कोई तुम्हें छोड़कर चला जाता है, कम्बख्त याद अच्छी आती है, अच्छी आती है।

उम्र भर तेरी चाहत में गुज़री हमने, कैसे कहें उसे कि हम ज़िन्दगी भर तुझसे प्यार करें।

ज़रा ढूँढ़ तू उसे, वो बेपनाह आसमान का रंग है, मगर तू मेरे ख्वाबों में छिपा हुआ एक तारा है।

तेरे इश्क़ में दिल है, तेरे लिए जान है, वरना ऐसी क़दर तो किसी चीज़ की नहीं है।

ज़रा सा कभी भूलने की क़सम खाया करो, याद रखने का तो इक्का आदत बनाया करो।

चाहत तो सिर्फ़ एक बहाना होती है, वरना तेरे बिना ज़िंदगी भी ज़िंदगी होती है।

बहुत सोचा था तुम्हें भूल जाएंगे हम, मगर इश्क़ की बस्ती में कौन भूला है किसे।

तेरी यादें मेरी आँखों के ज़ीने की वजह है, मैं तुझे भूल जाऊँ ऐसा कभी नहीं सोचता हूँ।