मौसम बदलने की राह तकते हैं, बारिश की बूंदों के लिए तड़पते हैं। हम आंसू छुपाना चाहते हैं, बदले मौसम तो लगे के बादल बरसते हैं।
बदला है मौसम, आज चली हैं पुरवाई कुछ यार की बीती यादें लेके। याद आ रहे हैं जो खफा हो गए शहर की आबो हवा की बातें लेके।
किस बात का गुरुर है जो अब बदलने लगा है मौसम की तरह। पराया सा समझने लगा है मुझे, जो था कभी हमदम की तरह।
बदले मौसम, बदले हैं नज़ारे, बदला मेरा यार है। पतझड़ आया जिंदगी में, बेवफा निकला प्यार है।
कभी बारिश थी मोहब्बत की, अब मौसम सा बदलने लगा है। झड़ गए इश्क़ के पत्ते, प्यार सूखा सा दरख्त दिखने लगा है।
मौसम बदले ना बदले, पर मेरा यार का मिज़ाज़ बदल गया है। कभी ना बदलने का वादा करके, वो आंधी सा फिसल गया है।
मौसम का रुख बदलने की बातें करने वाले, खुद बदल गए मौसम से। तन्हाई के अंधेरों में तन्हा छोड़ जिंदगी, मेरे रकीब हो गए हमदम से।
सुन के मेरे दर्द-ए-इश्क़ के किस्से, मौसम भी रोने लगा है। मेरे आँखें नम हुई सो हुई, ये आसमां भी आपा खोने लगा है।