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A condensed guide to minimalism

By Mary Apartment

Zindagi Shayari

Dard Bhari Zindagi Shayari || दर्द भरी ज़िंदगी शायरी 

वो तो रहते थे खफा, जाने क्यू आज पूछा मेरा मिज़ाज़। बिन तेरे पहले कब थी जिंदगी खुशनुमा, जो होगी आज।

जिंदगी में खिले थे गुलशन बहुत, आज एक फूल भी पास नहीं है। संग तेरे तो दर्द भी प्यारे लगते थे, बिन तेरे जिंदगी भी राश नहीं है।

अगर कोई साथी हो तो, जिंदगी का हर लम्हा छोटा लगता है। वही तन्हां काटना पड़े वक़्त, एक लम्हा भी पहाड़ सा लगता है।

तू बिछड़ के क्या गया, तेरे जाने से जिंदगी में है ना कोई बहार। बिन तेरे ना कोई अरमां है, रहा तो बस रहा मौत का इंतजार।

क्या कहें किस्सा जिंदगी का, हमें तो उम्र भर का रोना है। मिन्नतों से पाया प्यार खो गया, अब और हमें क्या खोना है।

ना जिंदगी सवारी, ना प्यार मिला है, बस रेत सी फिसल रही है। आंसुओ के शिवाय ना कोई कहानी, ये जिंदगी जिंदगी नहीं है।

जानकार भी जान ना पाए, हमसे हुई क्या खता है। उस खता की सजा, जिंदगी को सांसो का ना पता है।

खुशियों की जगह दर्द जिंदगी में भर गए, वो प्यार की जगह हमसे व्यापार कर गए। ठगे गए हम, एक पल की मुस्कान के लिए, वो बदनाम हमें सरे बाजार कर गए।