Chanakya Niti: व्यक्ति की ये खूबियां बनाती हैं उसे एक सज्जन पुरुष

महान दार्शनिक, सलाहकार और राजनीतिज्ञ आचार्य चाणक्य ने एक नीतिशास्त्र की रचना की है।

उन्होंने अपने नीतिशास्त्र में चाणक्य नीति शास्त्र में मानव जीवन से जुड़ी कई बातों का जिक्र किया है।

चाणक्य की ये बातें आज भी व्यक्ति को जीवन में सफलता पाने के लिए प्रेरित करती हैं।

आचार्य चाणक्य के सिद्धांत आज भी इंसान को सही और गलत में फर्क करना सिखाते हैं। साथ ही, वह जीवन में सही रास्ता चुनने में सहयोग करते हैं।

आचार्य चाणक्य ने अपने नीतिशास्त्र में व्यक्ति के उन गुणों के बारे में बताया है जो उसे सज्जन बनाते हैं।

चाणक्य नीति शास्त्र में एक श्लोक लिखा है जो इस प्रकार है प्रलये भिन्नमार्यादा भविंत किल सागर: सागरा भेदमिच्छन्ति प्रलेयशपि न साधव:।

इस श्लोक के माध्यम से आचार्य चाणक्य कहते हैं कि जब समुद्र आकर किनारों को तोड़कर कहर बरपाता है तो समुद्र भी अपनी मर्यादा लांघ जाता है। जल रेखाएं एक हो जाती हैं।

लेकिन सज्जन लोग बड़े से बड़े संकट और विपरीत परिस्थितियों में भी धैर्य नहीं खोते और मर्यादा बनाए रखते हैं। अर्थात सज्जन व्यक्ति का सबसे बड़ा गुण उसका धैर्य होता है।

आचार्य चाणक्य के अनुसार सज्जन वही है जो बुरी परिस्थितियों में भी गंभीरता नहीं छोड़ेगा। सज्जनता की पहचान व्यक्ति के आचरण और व्यवहार से जानी जा सकती है।

अपने गुणों का अपने मुख से वर्णन न करें, उनकी ईमानदारी से समझौता न करें, वे सम्मान के पात्र हैं।

उत्तरदायित्वों को निभाने के साथ-साथ वह रिश्तों का मूल्य समझता है और उन्हें निःस्वार्थ भावना से एक सूत्र में बांधने का हर संभव प्रयास करता है, वे सम्मान के पात्र हैं।