शांति का अमन का प्रतीक ये तिरंगा हमे जान से प्यारा है। हिन्दू मुस्लिम सीख ईसाई सब धर्मो का मेला वतन हमारा है।
सारी दुनिया में जिसका बोलबाला, वो मुल्क हमारा है। परायों के भी दिल में लहराता, वो तिरंगा सबसे न्यारा है।
वीर जवानों के होठों पर बस एक ही नारा है। कभी झुकने दे ना ये तिरंगा जान से प्यारा है।
मैं रहू या ना रहू, मगर मेरा तिरंगा लहराता रहे। भले लड़खड़ाए होठ मेरे, पर देश मुस्कुराता रहे।
मेरी जब जब उठी है कलम, इंकलाब लिख जाता है। इश्क़ की चाह राखु, मेरा वतन महबूब नजर आता है।
मैं खुद को भूल गया, मगर शहीदों की शहादत याद रही। मौका मिले तो उनके रंग में रंग जाऊ, आखरी फरियाद रही।
देश का हर वीर रखता है हथेली पर जान। इसलिए कहलाता है मेरा वतन हिंदुस्तान।
आज आँखों में पानी है, शहीदों की शहादत की कहानी है। कोई खलल ना पड़े तिरंगे की शान में, वीरों ने दी कुर्बानी है।