अधूरी मोहब्बत शायरी इन हिंदी

कुछ पन्ने हैं जिंदगी की किताब में, कभी ना खुले तो अच्छा होगा। पहले भी धोखे खाये हैं इश्क़ में, फिर मिले क्या वो सच्चा होगा।

बिना मतलब के कोई आंसू नहीं पोछता, इसलिए अश्क छुपा कर रखते हैं। गम-ए-दर्द दिल में दबा कर, हम होठों पर झूठी मुस्कान सजा कर रखते हैं।

जब तन्हाई ही है मुकद्दर में, तो किसी के सहारे की ख्वाहिश क्यों करें। रोते दिल को आँसुओं से बहलाना है, मोहब्बत की फरमाईश क्यों करें।

भले ना जताये वो, मेरे अल्फाजो में खुद को ढूंढते हैं। जब साथ थे मनाते थे खूब, अब वो ना रूठते हैं।

अब कहाँ हसरतें जिन्दा हैं, मर गए सारे दिल-ए-अरमान। उसके फरेब ही कुछ ऐसे थे, मोहब्बत की ले गए जान।

टूटे हुए कांच सा बिखरना गवारा नहीं था, इसलिए पत्थर बन गए। के कोई चाह कर भी चाह ना सके, ज़माने के लिए जहर बन गए।

खता उनकी नहीं थी, हमने ही वहम पाल लिया था। मोहब्बत हम समझ बैठे, उन्होंने तो सवाल किया था।

यूँ तो तोहफे बहुत दिए जिंदगी ने, पर उसने दिया वो भूलाया नहीं गया। खामोश हो गई जिंदगी इश्क़ में, मोहब्बत के नाम पर रुलाया नहीं गया।