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Oue Lovley India Poem
जिस देश का हर अंग गाए मधुर-मीठा संगीतउस मिट्टी का कोई कैसे न होवे मीत!! जो युगों तक कहलाती थी सोने की चिड़िया आज तकनीकों की है वो खोजकर्ता; उसमें से एक मीडिया !! हिमालय है जिसका तिलकगंगा, यमुना उसकी पायलियाजिसके कदम पडे इस सरजमीं परदुश्मनों तक का बदल जाए नजरिया !!
प्रकृति की गोद में खेलकर सरलता है जिसका गहनासदैव है जिसका नारा: हर बैर छोड़ सब मिल-जुलकर रहना!! शिक्षा और कला का वो है विस्तृत विशाल केन्द्रजहाँ राम, येशु और अल्लाह बने सहजता और एकता के केन्द्र !! जहाँ देशप्रेम बहे नस-नस मेंवीर और वीरांगना बने अनगिनत मनुष्य ताकि;देश का स्वाभिमान न हो जाए किसी के वश में!! जहाँ वादियाँ गुनगुनाएँजहाँ नदियाँ नाचती जाएँ चाय के बागान मुस्कुराएँ मसालों की सुगंध हर दिशा घूमती जाए योगा लाखों सपने सँवारेनई पीढ़ी आसमान की बुलंदियाँ छुती जाए जिस देश की हवा में उत्साह, जोश और खुशियों ने हासिल की है महारतस्वर्णिम इतिहास हर कदम पर बनाता जाए हमारा प्यारा भारत!!!!