Monday, December 4, 2023
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“कलम उठाए – Kalam Uthaye” The latest poem by Manna Pandey

“कलम उठाए - Kalam Uthaye” The latest poem by Manna Pandey

Maynna Pandey की कविता में एक अद्वितीय रूप से साहित्यिक प्रक्रिया को दर्शाया गया है।कलम उठाए, कवि सोचे जाएइस पंक्ति के माध्यम से उन्होंने पठकों को आज के विषयों पर विचार करने के लिए प्रेरित किया है। कवि को यह सोचने के लिए प्रेरित करता है कि वह आज के मुद्दों पर कैसे विचार करें। आम भाषा या एक नई जुबान में विचार व्यक्त करने का विकल्प एक नए रूप में सृजनात्मकता को उत्तेजक बनाता है। Maynna Pandey कौशल से शब्दों को बुनते हैं, जो सांविदानिक सीमाओं को पार करने वाली कविता की यात्रा का प्रस्तुतीकरण करती हैं, जिसे विचार और भाषाई अन्वेषण का एक समर्पित मेल बनाता है।

कलम उठाए  कवि सोचे जाए

की आज किस बारे में बताए

फूलों की बात करें  या महात्माओ का गुणगान

आम भाषा में लिख जाए या बनाए नई जुबान।

शब्दों की चित्रकारी, या खाली छोड़ जाए आसमान।

आम भाषा में लिख जाए या बनाए नई जुबान।

शांति का वो दूत बने, या दे कोई नई मिसाल

कोई जबाब वो बताए या छोड़ जाए सवाल

हर कण में करता वो बात,

और समझे उनके हालात।

अनसुना उन्हें कर जाए या दे वो अपना साथ

हर तरफ खुशियाँ फैलाए या सुन्न कर दे सारे जज्बात।

आम भाषा में लिख जाए या बनाए नई जुबान।

कलम उठाए  कवि सोचे जाए

की आज किस बारे में बताए

आम भाषा में लिख जाए या बनाए नई जुबान।

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