Father's Day 2022 | Happy Father's Day Poem

मेरे जिगर हैं मेरी जान हैं, मेरे बापूजी मेरे भगवान हैं। बापू मेरे मेरी आँखों का नूर,  मेरे पापा मेरे गुमान हैं।

पापा मेरे अंगुली पकड़ कर मुझे चलना सीखाते थे। जीवन की डगर कठिन होगी, ये हर राज बताते थे।

मेरी हर ख़ुशी मेरे पापा से, वो मेरे होठों की मुस्कान हैं। मेरी जिगर हैं मेरे जान हैं,…………………………

अगर वो रोये भी तो छुपके, मेरे लिए तो वो मुस्काये हैं। खुद भूखे रहे, अपने हिस्से के निवाले भी मुझे खिलाये हैं।

मेरी सारी कायनात हैं, मेरे पापा मेरे सारे जहान हैं। मेरी जिगर हैं मेरे जान हैं,…………………………

आज मेरा जो वजूद है, मेरे पापा का परिश्रम है। आज जो मैं मुस्कुराता हु, मेरे पापा का कर्म है।

मेरा जीवन उन्हीं के लिए, उन्हीं के लिए मेरे अरमान हैं। मेरी जिगर हैं मेरे जान हैं,…………………………